Wednesday, January 6, 2021

ज़िन्दगी के लम्हे ..

 ज़िन्दगी के लम्हे गुजर न जाएं,


एक पल तो ठहरो , 

हम ज़रा संभल तो जाएं।


ज़िन्दगी के इस बहाव को रोको,

हाथ से रेत फिसल न जाए।


समय की मझदार बड़ी बेखबर है,

इस मझधार में हम बह न जाएं।


कायनात की करते हो बात देखो,

पानी के बुलबुलों सी उम्र है लाएं।

- नूपुर अग्रवाल

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